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पीएमसीएच की डॉ. मनीषा वाजपेयी को अचीवर अवार्ड

उदयपुर (वि) । पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के पेसिफिक आईवीएफ विभाग साइन्टिफिक डॉयरेक्टर डॉ. मनीषा वाजपेयी को इंडियन फर्टिलिटी सोसाइटी द्वारा अचीवर अवार्ड से सम्मानित किया गया है। डॉ. मनीषा को यह सम्मान दिल्ली में 19वीं वार्षिक कांफ्रेंस 'फर्टीविजन 2023' के दौरान इंडियन फर्टिलिटी सोसाइटी के प्रेसिडेंट डॉ. के. डी. नायर द्वारा उनको प्रजनन चिकित्सा (रिप्रोडक्टिव मेडिसिन) के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया गया। राजस्थान से निःसंतानता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए डॉ. मनीषा को इस साल में यह तीसरी बार सम्मान मिला है। डॉ. मनीषा को इंडियन सोसाइटी ऑफ असिस्टेड रिप्रोडक्शन के राष्ट्रीय सम्मेलन में ऐम्ब्रियोलॉजी ऐक्सिलेन्स अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

स्कल्प (खोपड़ी) के स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा से पीड़ित मरीज की सफल सर्जरी

पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हास्पिटल के कैंसर रोग सर्जरी विभाग ने स्कल्प(खोपड़ी) के स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा से पीढ़ित महिला का सफल आपरेशन एवं पुःनिर्माण कर इस बीमारी से राहत दिलाई। इस सफल आपरेशन में कैन्सर रोग सर्जन डॉ. सौरभ शर्मा, न्यूरो सर्जन डा. नरेन्दमल, बर्न एवं प्लास्टिक सर्जन डा. गुरूभूषण, निश्चेतना विभाग के डा. प्रकाश औदिच्य, डा. विक्रम एवं टीम का सहयोग रहा। दरअसल दक्षिणी राजस्थान निवासी 32 बर्षीय महिला जयश्री के सिर में पिछले 5-6 महिनो से घाव था जो कि सही नहीं हो रहा था परिजनों ने कई जगह दिखाया लेकिन दूसरी जगह बीमारी की जटिलता को देखते हुए आपरेशन से मना कर दिया, साथ ही आर्थिक स्थिति एवं चिंरजीवी कार्ड के सक्रिय न होने के करण उपचार के अत्यधिक खर्च के कारण ईलाज कराने में असर्मथ थें।

पीएमसीएच में स्क्रब टायफस मायोकार्डिटिस के मरीज को मिला जीवन

पेसिफिक मेडिकल कालेज एण्ड हास्पिटल के मेडीसिन विभाग ने स्क्रब टाइफस से पीढ़ित 32 वर्षीय महिला को नया जीवन दिया। राजसमन्द जिले के देवगढ़ निवासी 32 बर्षीय महिला टमूबाई को परिजन अत्यंत गंभीर में अवस्था मं पीएमसीएच के आपातकालीन विभाग में लेकर आए यहा मेडीसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. निलेश पतीरा ने तुरन्त मरीज की जाच करवाई तो मरीज को स्क्रब टायफस मायोकार्डिटिस की गंभीर बीमारी का पता चला। मरीज की गंभीर स्थिति को देखतें हुए मरीज को तुरन्त आईसीयू में शिफ्ट किया गया। डॉ. निलेश पतीरा ने स्पष्ट किया कि मरीज को स्क्रब टायफस (मौसमी बीमारी का एक प्रकार) इन्फेक्शन था। जिसके चलते उसे मिर्गी के दौरौ के साथ साथ मायोकार्डिटिस (हृदय की दीवारों में इन्फेक्शन) का भी पता चला। मरीज को दो दिन वेन्टीलेटर पर भी रखा गया। स्क्रब टायफस मायोकार्डिटिस अत्यंत गंभीर बीमारी है एवं इसके 2 से 10 फीसदी ही केस देखने को मिलते हैं।

पीएमसीएच में क्षतिग्रस्त आंतों का ऑपरेशन कर बचाई जान

उदयपुर के भीलों का बेदला स्थित पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में 20 वर्षीय युवक की क्षतिग्रस्त ऑतों का सफल ऑपरेशन कर जान बचाई। सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.एच.पी.गुप्ता के नेत्तृव में हुए इस ऑपरेशन में जनरल एवं लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. घवल शर्मा, डॉ. गौरव वधावन, डॉ. विकेश जोशी, डॉ. माधव, एनेस्थेसिया विभाग की डॉ. स्वाति शर्मा, अनिल भट्ट एवं आईसीयू की टीम का सहयोग रहा। उदयपुर निवासी 20 वर्षीय युवक को पेट में चाकू लगने के बाद परिजन पीएमसीएच लेकर आए जहां उसको आपातकालीन इकाई में तुरंत भर्ती कर उपचार चालू किया गया। मरीज के पेट में चाकू के वार का घाव था जिसमे से आंत का भाग बाहर निकला हुआ था। सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एचपी गुप्ता ने तुरंत ऑपरेशन की सलाह दी एवं उनके नेतृत्व में लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. धवल शर्मा ने दूरबीन पद्वति की मदद से छोटे चीरे द्वारा मरीज की क्षतिग्रस्त आंतों एवं अन्य आंतरिक अंगों का निरीक्षण कर ऑपरेशन किया।

पीएमसीएच की रिसर्च यूएसए की गर्वनमेन्ट लाइब्रेरी में प्रकाशित

उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के जनरल मेडिसिन विभाग की ओर से “कोविड-19 की गंभीरता, मृत्यु दर एवं कोविड-19 वैक्सीन लगने के बाद गंभीरता से बचाव में विभिन्न पहलुओं पर आधारित“ रिसर्च को यूएसए की गर्वनमेन्ट लाइब्रेरी (पबमेड सेन्ट्रल) में सूचीबद्ध जर्नल ऑफ मेडिसिन एंड लाइफ इंटरनेशनल में प्रकाशित किया है। जर्नल ऑफ मेडिसिन एंड लाइफ इंटरनेशनल में प्रकाशित इस रिसर्च में कोविड-19 की गंभीरता, मृत्यु दर एवं कोविड-19 वैक्सीन लगने के बाद गंभीरता से बचाव में विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन करने के बाद यह पाया गया कि कोविड-19 दो वैक्सीन लगने के बाद इससे संक्रमण की दर कम हो पाती है एवं यह गंभीरता से बचाव में सहायक है।

पीएमसीएच में मासूम का पेल्विक टेराटोमा का सफल ऑपरेशन

उदयपुर के भीलों का बेदला स्थित पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में ढ़ाई साल की मासूम का पेल्विक टेराटोमा का सफल ऑपरेशन कर नया जीवन दिया। इस सफल ऑपरेशन में बाल एवं नवजात शिशू सर्जन डॉ.प्रवीण झंवर, डॉ. सबरीना, एनेस्थेसिया विभाग के डॉ. विक्रम सिंह, डॉ. जोसिया, पीआईसीयू से डॉ. पुनीत जैन, डॉ. सन्नी मालवीय, डॉ. पलक जैन, विष्णू, संजय एवं मनीष की टीम का सहयोग रहा। दरअसल भीलवाड़ा निवासी ढ़ाई बर्षीय मयूरा को पेट में दर्द की शिकायत केे चलते स्थानीय चिकित्सक को दिखाया तो पता चला कि बच्चें को थोडी गंभीर समस्या है तो उन्होंने परिजनों को बच्चें को पीएमसीएच ले जाने को कहा। परिजन उसे पीएमसीएच लेकर आए यहॉ बाल एवं नवजात शिशू सर्जन डॉ.प्रवीण झंवर ने बच्ची की सोनोग्राफी एवं सीटी स्कैन जॉच कराई तो मरीज को बहुत ही दुर्लभ पेल्विक के कैन्सर के बारे में पता चला जिसका की ऑपरेशन द्वारा इलाज सम्भव था।

पीएमसीएच में 4 साल के बच्चे की निशुल्क सर्जरी कर लौटाई रोशनी

दोनों आंखों में जन्मजात था मोतियाबंद उदयपुर। ठीक से दुनिया को अपनी नजरों से निहार भी नहीं पाया था कि पता चला उसके दोनों आंखों में मोतियाबिंद है, और ऐसे ही 4 साल के बच्चें की ऑखों की निःशुल्क सर्जरी कर उसको रोशनी के साथ साथ जीनें की नई दिशा दी पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल ने। इस सफल सर्जरी में नेत्र रोग सर्जन डॉ.राजेन्द्र चौधरी, एनेस्थिशिया विभाग के डॉ, प्रकाश औदिच्य, डॉ. समीर गोयल, डॉ. सलोनी सिंह, हरीश प्रजापत एवं हीरालाल का सहयोग रहा। सिरोही जिले की पिण्डवाडा के गांव कोजारी के रहने वाले 4 वर्षीय हिमांशू को जन्म से ही दिखाई देना कम होता जा रहा था परिजनों ने स्थानीय चिकित्सको को दिखाया तो मोतियाबिंद की बीमारी का पता चला। परिजन उसे भीलों का बेदला स्थित पेसिफिक हॉस्पिटल लेकर आए जहॉ उसे नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. राजेन्द्र चौधरी को बताया तो जांच करने पर जन्मजात मोतियाबिंद का पता चला।

स्प्लेनिक हाइडैटिड सिस्ट से पीड़ित मरीज की सफल सर्जरी

एक लाख में चार व्यक्तियों में पाई जाती है ये बीमारी उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल में स्प्लेनिक हाइडैटिड सिस्ट की समस्या से ग्रसित मरीज का सफल ऑपरेशन कर मरीज को नया जीवन दिया। इस सफल ऑपरेशन में गेस्ट्रोसर्जन डॉ. विकेश जोशी, निश्चेतना विभाग के डॉ. प्रकाश औदिच्य, डॉ.विक्रम सिंह एवं अनिल भट्ट की टीम का सहयोग रहा। दरअसल बडी सादड़ी के बोहेडा निवासी 21 वर्षीय निहारिका को पिछले कई दिनों से पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द के साथ साथ गठान महसूस हो रही थी जिसके कारण भूख न लगने के कारण लगातार कमजोरी का अनुभव हो रहा था। परिजन मरीज को पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल लेकर आए यहॉ पर गेस्ट्रोसर्जन डॉ. विकेश जोशी को दिखाया तो जॉच करने पर मरीज को स्प्लेनिक हाइडैटिड सिस्ट नामक बीमारी का पता चला जिसका ऑपरेशन से ही इलाज सम्भव था।

एक्यूट लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया (ब्लड कैन्सर) से पीड़ित बालिका को मिला नया जीवन

कैंसर अपने आप में बहुत खतरनाक बीमारी है और इनमें भी ब्लड कैंसर को सबसे खतरनाक माना जाता है, इसकी वजह है इस कैंसर के बढ़ने की स्पीड। माना जाता है कि ब्लड कैंसर अन्य सभी कैंसर की तुलना में सबसे तेज स्पीड से बढ़ता है। और ऐसी ही बीमारी एक्यूट लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर) से पीड़ित 10 बर्षीय बालिका को पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के कैन्सर रोग विभाग ने निजात दिलाकर नया जीवन दिया। दरअसल उदयपुर निवासी दस वर्षीय बालिका के फेफडों में गंभीर इन्फेक्शन (निमोनिया) एवं श्वास लेने के तकलीफ के चलतें स्थानीय चिकित्सक को दिखाया तो जांच में पता चला कि मरीज को कैन्सर है। परिजनों ने बच्ची को कैन्सर रोग विशेषज्ञ डॉ.मनोज महाजन को दिखाया तों बच्ची को एक्यूट लिम्फोसाइटिक ल्यूकेमिया(ब्लड कैंसर) का पता चला। सबसें पहले बच्ची को छहः महिने तक कीेमोंथैरेपी दी गई उसके बाद दो साल तक दवाईयो द्वारा इलाज चला।

चेस्टवॉल साईंकोमा कैन्सर से पीड़ित मरीज की सफल सर्जरी

उदयपुर। पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के कैंसर रोग सर्जरी विभाग ने चेस्टवॉल साईंकोमा नामक कैंसर से पीढ़ित मरीज का सफल आपरेशन एवं पुःनिर्माण कर इस बीमारी से राहत दिलाई। इस सफल आपरेशन में कैन्सर रोग सर्जन डॉ.सौरभ शर्मा,बर्न एवं प्लास्टिक सर्जन डा. गुरूभूषण, निश्चेतना विभाग के डा. प्रकाश औदिच्य, डा. स्वाति शर्मा, डॉ. सबरीना एवं प्रवीण पंचैली की टीम का सहयोग रहा। सायरा निवासी वेल्डिंग का काम करने वाले 28 वर्षीय मुकेश के छाती में गांठ बन गई थी जो धीरे-धीरे बढ़ती गई मरीज ने स्थानीय चिकित्सालय में दिखाया लेकिन यह समस्या लगातार बढ़ती ही जा रही थी मरीज के परिजनों ने पीएमसीएच में कैन्सर सर्जन डाॅ. सौरभ शर्मा को बताया तों जाॅच कराने पर चेस्टवॉल साईंकोमा नामक कैंसर का पता चला।

एडवांस ड्राई नीडलिंग थैरेपी पर दो दिवसीय वर्कशाॅप का आयोजन

पेसिफिक मेडिकल विश्वविधालय के पेसिफिक कॉलेज ऑफ फिजियोथैरेपी की ओर से एडवांस ड्राई नीडलिंग थैरेपी पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में न्यरो-मसक्यूलोस्केलेटल तकनीक के फाउण्डर डॉ.वर्धमान जैन द्वारा फिजियोथैरेपी के विद्यार्थियों को एडवांस ड्राई नीडलिंग थैरेपी के बारे में प्रेक्टिकल जानकारी दी। डॉ.जैन ने बताया कि नीडल थेरेपी मसल्स पेन को दूर करने के सबसे इफेक्टिव थेरेपी में से एक है। इस थैरेपी में प्रभावी जगह में छोटी सुईयों को ट्रिगर पॉइंट पर चुभाकर ट्रीटमेंट दिया जाता है। ये थैरेपी मसल्स पेन से राहत देने के अलावा शरीर की फ्लेक्सबििलटी को बढ़ाता है, इसके अलावा ये जॉइंट की रेंज में मोशन को बढ़ाता है और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है और स्टिफनेस को कम करता है।

एडवांस ड्राई नीडलिंग थैरेपी पर दो दिवसीय वर्कशाॅप का आयोजन

सिफिक मेडिकल विश्वविधालय के पेसिफिक कॉलेज ऑफ फिजियोथैरेपी की ओर से एडवांस ड्राई नीडलिंग थैरेपी पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

पेसिफिक मेडिकल विश्वविद्यालय के पेसिफिक कॉलेज ऑफ फिजियोथैरेपी को सेंट्रल जोन में बेस्ट कॉलेज के अवार्ड से नवाजा गया।

पेसिफिक मेडिकल विश्वविद्यालय के पेसिफिक कॉलेज ऑफ फिजियोथैरेपी को सेंट्रल जोन में बेस्ट कॉलेज के अवार्ड से नवाजा गया। यह अवार्ड इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथैरेपी की ओर से आयोजित 60वीं वार्षिक कांफ्रेंस में वर्ल्ड फिजियोथैरेपी के सीईओ एवं प्रेसिडेंट के नेतृत्व में इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथैरेपी के प्रेसिडेंट डॉ. संजीव झा, जनरल सैकेट्ररी डॉ. केएम अन्नामलाई एवं राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ. रुचि वार्ष्णेय द्वारा कॉलेज के डीन डॉ. जफर खान को दिया गया।

पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के कैंसर रोग सर्जरी विभाग ने स्कल्प (खोपड़ी) के स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा से पीडित मरीज का सफल ऑपरेशन कर बीमारी से राहत दिलाई।

पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल के कैंसर रोग सर्जरी विभाग ने स्कल्प (खोपड़ी) के स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा से पीडित मरीज का सफल ऑपरेशन कर बीमारी से राहत दिलाई। ऑपरेशन में कैंसर रोग सर्जन डॉ. सौरभ शर्मा, न्यूरो सर्जन डॉ.नरेन्द्रमल, बर्न एवं प्लास्टिक सर्जन डॉ. गुरूभूषण, निश्चेतना विभाग के डॉ.प्रकाश औदिच्य, डॉ. निकिता बसेर एवं टीम का सहयोग रहा।

पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के गेस्ट्रोसर्जरी विभाग में क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस के मरीज के पैंक्रियाज से 32 एमएम का स्टोन निकाला।

पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के गेस्ट्रोसर्जरी विभाग में क्रोनिक पैंक्रियाटाइटिस के मरीज के पैंक्रियाज से 32 एमएम का स्टोन निकाला। ये जटिल ऑपरेशन ग्रेस्ट्रो सर्जन डॉ. विकेश जोशी, निश्चेतना विभाग के डॉ. प्रकाश औदीच्य, डॉ. विजय चाहर, अनिल भट्ट की टीम ने किया।

पेसिफिक समूह द्वारा विद्यालयों में निशुल्क मेडिकल कैंप श्रृंखला आरम्भ; संभाग के हजारों विद्यार्थी होंगे लाभान्वित

उदयपुर (Udaipur). पेसिफिक यूनिवर्सिटी, पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल तथा पेसिफिक डेंटल कॉलेज ऑफ रिसर्च सेंटर द्वारा संयुक्त रूप से संभाग भर के विभिन्न विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के लिए पूर्णत: निःशुल्क विशाल स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाए जाएंगे. सोमवार (Monday) को पहले दिन पेसिफिक समूह प्रेसिडेंट प्रो. बीपी शर्मा, पेसिफिक मेडिकल यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. एपी गुप्ता, पेसिफिक यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. केके दवे, सीईओ शरद कोठारी, प्रोफेसर हेमंत कोठारी, संयुक्त निदेशक (आरएससीईआरटी) शिवजी गौड़ तथा शिक्षा उपनिदेशक कमलेंद्र सिंह राणावत ने मोबाइल मेडिकल यूनिट और एंबुलेंस (Ambulances) को हरी झंडी दिखाकर किया.

पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल, भीलों का बेदला में 800 ग्राम वजनी नवजात को नया जीवन देकर शादी के 18 साल बाद मां-बाप बनें दम्पति की झोली को फिर से खुशीयों भर दिया।

पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पिटल, भीलों का बेदला में 800 ग्राम वजनी नवजात को नया जीवन देकर शादी के 18 साल बाद मां-बाप बनें दम्पति की झोली को फिर से खुशीयों भर दिया, और यह सम्भव हो सका है, अनुभवी चिकित्सको की टीम, बेहतरीन इन्फ्रस्ट्रक्चर, हाईटेक उपकरण एवं बेहतर नर्सिग केयर के कारण।

पेसिफिक मेडिकल विश्वविद्यालय के फाउंडर एवं चेयरमैन राहुल अग्रवाल को राज्यपाल कलराज मिश्रा से मिला एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड

एक सुनहरे भविष्य की ओर कदम बढ़ने के लिए शिक्षा का होना आवश्यक है। इसके लिए अनिवार्य है उत्कृष्ट शिक्षा और उदयपुर में ऐसी शिक्षा प्रदान करने वाले पेसिफिक मेडिकल विश्वविद्यालय के फाउंडर एंड चेयरमैन राहुल अग्रवाल है। जिन्हे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों एवं सेवाओं के लिए प्रदेश में राज्यपाल कलराज मिश्रा ने एजुकेशन एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया। राहुल अग्रवाल की ओर से यह सम्मान पेसिफिक यूनिवर्सिटी प्रेसिडेंट प्रो. के. के. दवे ने प्राप्त किया। इस भव्य समारोह में विभिन्न क्षेत्रों की कई नामी हस्तियां भी सम्मिलित हुई।

4 फरवरी को पेसिफिक मेडिकल विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह, 700 विद्यार्थियों को मिलेगी उपाधियां

पेसिफिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के चेयरमैन राहुल अग्रवाल ने बताया कि दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जितेंद्र कुमार माहेश्वरी विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल व सिल्वर मेडल से नवाजेंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ए पी गुप्ता ने बताया कि दीक्षांत समारोह में मेडिकल डेंटल नरसिंह एवं फिजियोथैरेपी पाठ्यक्रमों में गत वर्षो में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 40 मेधावी छात्र-छात्राओं को स्वर्ण रजत एवं कांस्य पदकों सहित 700 स्टूडेंट्स को उपाधि प्रदान की जाएगी। संयोजक शरद कोठारी ने बताया कि संस्था योग्य छात्रों को उनके असाधारण प्रयास के लिए उनका सम्मान करेगी। समारोह में एमबीबीएस के तीन-तीन विद्यार्थियों को स्वर्ण रजत एवं कांस्य पदक, एमएससी मेडिकल के 4 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, डेंटल में तीन स्वर्ण एवं तीन रजत, नर्सिग के स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में 11 स्वर्ण तथा तीन रजत पदक तथा फिजियोथेरेपी के स्नातक एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए जाएंगे।